Friday, April 2, 2010

किरकेट वेड्स टेनिस

अजीब बात है कि आज कल ख़ास लोगो कि ज़िन्दगी मैं कुछ न कुछ होता ही रहता है बे चारे आम आदमी को तो कोई पूछता ही नहीं उसकी जिंदगी तो बस इसी उलझन मैं  गुज़र जाती  है कि वोह जिंदगी जिए कैसे ? अब हाल ही मैं सुखियों मैं आये
पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ी शोएब मलिक को ही ले लो किरकेट मैं आज कल चाहे उनकी कोई चर्चा न होती हो  लेकिन उनकी पहली शादी और होने वाली दूसरी शादी कि चर्चा खूब हो  रही है , हम भी कहाँ पीछे रहने वाले थे जब भी कोई परिचित मिला कर लिया ज़िक्र...सानिया  मिर्ज़ा  एक जाना पहचाना नाम जिस से कोई हिन्दुस्तानी अनजान नहीं है ऐसी शख्सियत से कोई विवाद जुड़ जाए तो लोगो का  दिलचस्पी लेना वाजिब है | हैदराबाद की लड़की आयशा जो अपने आप को शोएब कि बीवी बता रही है सुना है कि वो कभी सानिया मिर्ज़ा कि सहेली थी लेकिन अब.....छोडिये साहिब आगे हम क्या कहें लोग तो सानिया को आयशा कि सौतन  तक कह रहे हैं , लेकिन इसमें कुछ तो सच्चाई नज़र आती है वर्ना आयशा के  परिवार वाले इतनी कोशिश नहीं करते अपनी बेटी को शोएब कि पत्नी साबित करने के लिए, एम ए सिद्दीकी जो आयशा के पिता हैं उन्होंने  शुक्रवार को शोएब और आयशा की शादी की तस्वीरें और दस्तावेज दिखाए और मीडिया के सामने कहा कि शोएब के भारत आने पर प्रतिबंध लग्न चाहिए ये क्या कर रहे हैं सिद्दीकी साहिब अपने दामाद को ही माना कर रहे आने से।
शोएब टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा के साथ प्रस्तावित शादी के लिए हैदराबाद आने वाले हैं।शायद ये सुनकर वोह घबराये हुए हैं इसी लिए तो आयशा सिद्दीकी के परिजनों ने शुक्रवार की रात अपने निवास पर एक संवाददाता सम्मेलन को भी संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने शोएब पर अपनी बेटी को धोखा देने का आरोप ही लगा डाला भाई ये कैसे सासुराली हैं समझ मैं नहीं आता हद्द तो ये कि वोह अपनी बेटी का घर बसाने  कि बजाये उजाड़ने पर तुले हैं भला कोई पिता बेटी के लिए भी ऐसा करता है। उन्हें शोएब के सानिया से शादी करने पर कोई ऐतराज़ नहीं  है तभी तो वोह कह रहे है कि सानिया से शादी से पहले शोएब पहले उनकी बेटी को तलाक दे।
खुदा जाने आखिर इसमें कितना सच है आज कल तो निकाह नामे भी जाली बन्ने लगे है भाई,  गुस्से लाल  एम.ए. सिद्दीकी शोएब पर पर इलज़ाम लगा रहे हैं कि वह हिन्दुस्तानी  लड़कियों के साथ धोखेबाजी कर रहा है। सिद्दीकी साहिब ने ये भी  कहा कि इस्लामिक कानून के मुताबिक उसे पत्थर से मारने की सजा दी जानी चाहिए। क्या सिद्दीकी साहिब इस कहानी को लेला मजनू कि कहानी बनाना चाहते हैं ? बात कुछ भी हो लेकिन बेटी का मामला है तकलीफ तो होती ही है हम इस से इंकार नहीं करते,  मगर इस बहाने हिन्दुस्तानी और पाकिस्तानी मीडिया को आतंकवाद और दोनों देशो के बीच चल रहे विवादों कि खबरों से मुक्ति तो कुछ पल के लिए मिल  ही  गयी |
आयशा कि अम्मी जान फारिसा सिद्दीकी ने भी अंपने दिल का दर्द कुछ इस तरह बयान किया " कि शोएब की धोखेबाजी की वजह से उनके पति की हालत गंभीर होती जा रही है। उन्होंने कहा कि हम शोएब से कुछ भी नहीं मांग रहे हैं बस चाहते हैं कि वह मेरी बेटी को तलाक दे दे जिससे उसकी दोबारा शादी हो सके।" वाह बेटी को तलक दिलवा कर हालत सही हो जायगी हो सकता है किन्तु हमारे लिए तो ये एक सवाल है जिसे हम आसानी से हल नहीं कर सकते |
वैसे इस शादी मैं सच्चाई तो है ,सिद्दीकी परिवार ने शादी के दस्तावेज के रूप में निकाहनामा की तस्वीरें भी जारी कीं हैं वोह झूटी तो नहीं हो सकती | दस्तावेज पर शोएब और माहा सिद्दीकी के हस्ताक्षर हैं। ये और बात है कि निकाह नामे पर  आयशा सिद्दीकी नहीं बल्कि माहा सिद्दकी के दस्तखत हैं  हैदराबादी इस परिवार  ने कहा का आयशा का ही दूसरा नाम माहा सिद्दीकी है। नाम मैं क्या रखा है ? मकसद तो मशहूर होने से है  सो हो गए | लेकिन इस विवाद के चलते  सानिया के लिए जो ख़ुशी का मोका आया था वोह कहीं न कहीं फ़िक्र मैं ज़रूर बदल गया होगा हो सकता वोह रातो को सही से सो भी न सकी  हो ऐसा भी हो सकता है कि शादी करने न करने पर विचार कर रही हो | खैर इस कहानी मैं कई पेच हैं आयशा का नाम बदल कर शोएब से चैटिंग  करना इस विवाद का असली कारण हो सकता है |

Sunday, October 18, 2009

मिलावट खोरी मेरा धर्म है

सबका अपना अपना नजरिया होता है फिर चाहे वो आम आदमी हो या खास, छोटा हो या बड़ा अमीर  हो या गरीब व्यापारी हो या मजदूर जीने के लिए सभी अपनी सामर्थ्ये और बद्धि से काम लेते हैं.
एक बार कि बात है मेरे एक परिचित व्यापारी ने कहा था कि मिलावट खोरी तो मेरा धर्म है में उस समय समझता था कि ये सब मज़ाक है  और शायद उस परिचित ने ये बात मज़ाक मैं ही कही हो लेकिन वर्तमान स्थिति को देख कर नहीं लगता ये मज़ाक है अब तो लगता कि वास्तव मैं मिलावट खोरी एक धर्म ही है .क्योंकि आजकल जो हालात  हो गए हैं उससे तो यही ज़ाहिर होता है ...व्यापारियों कि तो आजकल पो बारा है , एसी कौन सी वास्तु है जिस पर वोह लागत से ज़यादा नहीं कमाता फिर चाहे वोह दाल चावल हो आटा  हो, ये वोह चीज़ें हैं जो आम आदमी रोज़ मर्रा कि ज़िन्दगी मैं प्रयोग करता है और येही जीवित रहने के लिए आवश्यक भी है किन्तु इसके अतिरिक्त ऐसी कई चीज़ें हैं जो लोग प्रयोग करते हैं और व्यापारी दिल खोल कर उनमे मिलावट कर रहे हैं हद ये है कि सब से ज़यादा इस्तेमाल होने वाला पदार्थ यानी कि दूध भी इस से अछूता नहीं है जिसे हमारे नोनिहालो के लिए अत्यंत महत्त्व पूर्ण माना गया है उसी मैं लोग मिलावट कर रहे हैं इसके अतिरिक्त मावा,  तेल , घी, हल्दी, धनिया, मिर्च आदि .और तो और बे इमान व्यापारियों दवाईयों मैं भी मिलावट करने से परहेज़ नहीं किया जिनके सहारे लोग बीमार होने पर फिर से सवस्थ होने और फिर से जिंदा रहने कि आस लगते हैं बात यहाँ पर ही ख़त्म नहीं हो जाती बल्कि इंसानियत के दुश्मनों ने अब खून मैं भी मिलावट कर रकही है मेरी राये मैं तो ऐसे लोगो को फांसी पे चढा देना चाहिए लेकिन सोचता हूँ कि क्या मेरा नजरिया सही है ?

Sunday, October 11, 2009

दीपावली की शुभकामनाएं

मैं उन सभी दोस्तों का शुक्रिया करता हूँ  जीनहोने मेरे ब्लॉग को को पढ़ा और अपनी राये दी और आगे भी मैं ये कामना करता हूँ की ये सिलसिला ऐसे ही चलता रहेगा.में सभी ब्लॉग लिखने वालों और सभी पढने वालों को दशेहरा और दीपावली की  शुभकामनाएं  देता हूँ  .
मेरे विचार से लोग सहमत हैं ये बहुत ही अच्छा लगा दोसतो अगर कोई ऐसी बात जो आप कीसी से कह नहीं पाते  हो तो मैं आपको आमंत्रित करता हूँ की आप अपनी भावनाओ को मुझ से बाँट सकते हैं मेरा लक्ष्ये है दुनिया में हर एक को आपस में जोड़ना यदि आप भी ऐसी ही भावना मन में रखते है तो कृपया मेरे ब्लॉग को पढें और अपने कीमती सुझाव पोस्ट करें मुझे विश्वास है कि आप मेरे साथ दिल कि बात कहना ज़रूर चाहेंगे ऐसा तो जीवन में होता है कि हम अपने मन कि बात किसी से कहना चाहते हैं किन्तु कोई उचित व्यक्ति हमें नहीं मिल पाता है मगर ब्लॉग ने इस समस्या का समाधान कर दिया है .धन्येवाद

Sunday, September 27, 2009

मेरा पहला ब्लॉग

दोस्तों मेरी तरफ़ से सभी को आदाब नमस्ते,ये मेरी पहली पोस्ट है,आजकल हर इन्सान चाहता है की वो अपनी बात को किसी के साथ बांटे इसलिए मैंने भी ये माध्यम चुना है,मेरा नाम क़दीर नियाज़ है और लेखन मेरा शौक है ,दुसरे लोगो का ब्लॉग मैंने पढ़ा है उन्हें पढकर ही मेरे मन मैं ये आस जगी कि मुझे भी कुछ लिखना चाहिए सो मैं आपके समक्ष आ गया हूँ ,मेरा लक्षय है लोगो को आपस मैं जोड़ना जैसा कि आपने देखा होगा पुरी दुनिया मैं नफरत और हिंसा का माहोल बना हुआ है इन हालात मैं आवश्यकता है कि हम अधिक से अधिक दोस्त बनाये और पुरी दुनिया से हिंसा और नफरत को ख़त्म कर दें , तो दोस्तों मैं सभी को आमंत्रित करता हूँ कि आप आए और मेरे सात अपने विचारो को व्यक्त करें .मेरे साथ किसी धरम , मज़हब, या जाती कि कोई पाबंदी नही है मेरा ध्येय केवल सभी मज़हब के लोगो को आपस मैं जोड़ना है,मैं आशा करता हूँ कि आप लोग मेरे विचारो से सहमत होंगे और आप भी अपनों विचारो को मेरे साथ मैं बाँटेंगे ..धन्येवाद !